अल्लाह की महानता

अल्लाह की महानता

2024-04-26T20:42:31

 हज़रत अबू-ज़र ग़िफारी रज़ि. का कथन है कि अल्लाह के रसूल सल्ल. ने बयान किया कि अल्लाह तआला फरमाता हैः ” ऐ मेरे दासो! मैंने स्वयं पर अन्याय को वर्जित कर लिया है और तुम्हारे बीच भी इसे वर्जित कर दिया है, इस लिए परस्पर एक दूसरे पर अन्याय न करो। हे मेरे दासो! तुम […]

अंततः वह दाई बन गई

अंततः वह दाई बन गई

2024-04-25T20:26:16

शैख नबील अल- अवज़ी  अनुवादः सफात आलम वह एक ईसाई महिला थी, उसने एक मुस्लिम सहेली जो इस्लामी नैतिकता के लिए प्रतिबद्ध थी को ईसाई धर्म की ओर आमंत्रित करने का फैसला किया, लेकिन स्वयं वह मुस्लिम सहेली की नैतिकता और चरित्र से इतना प्रभावित हुई कि उसके धर्म को गले लगा लिया। कहती है […]

स्वर्ग का पथ

स्वर्ग का पथ

2024-04-24T19:37:03

 जौदा अल-फारिस अनुवादः सफात आलम बाबुल भारत से संबंध रखने वाला एक हिन्दू युवक था, ड्राइवर के रूप में एक कुवैती के घर में काम करता था, एक दिन उसने IPC की ज़ियारत की, इस्लाम का परिचय प्राप्त किया, अल्लाह ने उसका दिल इस्लाम के लिए खोल दिया, इस प्रकार उसने इस्लाम स्वीकार कर लिया […]

इस्लाम में मानवता की मुक्ति है

इस्लाम में मानवता की मुक्ति है

2024-04-23T19:16:25

शैख़ नबील अल- अवज़ी अनुवाद : सफात आलम तैमी एक दिन मैं IPC में बैठा था,  गर्मी का मौसम था, एक आदमी इस्लाम स्वीकार करने के लिए आया, उसकी स्थिति उन अन्य लोगों के समान थी जो अल्लाह की कृपा से IPC में दाखिल होकर इस्लाम स्वीकार करते हैं. इस्लाम स्वीकार करने के बाद वह फूट […]

माता पिता की अवज्ञा एंव उन के साथ दुर्व्यवहार महा पाप है।

माता पिता की अवज्ञा एंव उन के साथ दुर्व्यवहार महा पाप है।

2024-04-22T18:52:03

इस्लाम ही वह सर्वश्रेष्ठ धर्म है, जो हर मनुष्य को उसके उचित स्थान पर रखता है। जब संतान छोटा होता है, तब माता-पिता को अल्लाह ने यह आज्ञा दिया कि तुम अपने संतान की अच्छी पालण पोशन करो, उसे उत्तम शिक्षा दिलाओ, उस पर हर प्रकार से ध्यान दो, और जब माँ पाप बुढ़ापे के […]

ज़बान की सुरक्षा

ज़बान की सुरक्षा

2024-04-21T18:10:13

अल्लाह तआला ने मानव के शरीर को बहुत से अनमोल अंग से जोड़ दिया है जो अपने अपने स्थान पर बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य अन्जाम देते हैं और उस अंग के बिना मानव का शरीर अधूरा माना जाता है। उन्ही में से जबान भी अत्यन्त महत्वपूर्ण शरीर का एक भाग है, जो मानव को मृत्यु […]

पड़ोसी के अधिकार

पड़ोसी के अधिकार

2024-04-20T17:31:31

इस्लाम ने मानव जीवन से संबन्धित सम्पूर्ण रूप को सही मार्ग दर्शन किया है। समाज में प्रेम और लगाव उत्पन्न होने की सम्पूर्ण दिशा की ओर ध्यान दिया है। उसी में पड़ोसी के साथ उत्तम व्यवहार और उन के अधिकार को अदा करने पर विशेष रूप में उत्साहित किया है। ताकि समाज में उपस्थित सम्पूर्ण […]

जादू भी महा पापों में है।

जादू भी महा पापों में है।

2024-04-19T17:05:12

  जादू सत्य है और एक खुली वास्तिवक्ता है। जिस का कुछ अकलानी लोग इन्कार करते हैं। जब कि जादू की वास्तविक्ता क़ुरआन और हदीस और समाज में घटित घटनाओं से प्रमाणित है। जादू को अल्लाह ने परिक्षा के तौर पर फरिशतों के माध्यम से उतार है और फरिश्ते जादू सिखाने से पहले ही जादू […]

दिखलावा और रिया कारी करना

दिखलावा और रिया कारी करना

2024-04-18T16:54:13

दिखलावा भी महा पापों में से है। जैसे कि कोई भी नके कार्य अल्लाह की खुशी के लिए न किया जाए बल्कि लोगों को दिखलाने के लिए किया जाए, या अल्लाह के साथ साथ लोगों की खुशी का इरादा किया जाए। जिस में बहुत से लोग अज्ञानता के कारण लिप्त हैं। जैसा कि रसूल (सल्लल्लाहु […]

रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की संतान

रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की संतान

2024-04-17T16:40:21

  रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की सारी संतान ख़दीजा (रज़ियल्लाहु अन्हा) से पैदा हुईं, सिवाए इबराहीम के, निम्न में उनका संछिप्त वर्णन किया जा रहा है: 1-  अल-क़ासिमः  यह रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)  की संतान में सब से बड़े थे। इनके नाम से ही आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की कुन्नियत अबुल क़ासिम थी। दो […]

सहाबा कौन हैं ?

सहाबा कौन हैं ?

2024-04-16T16:00:53

अल्लाह तआला ने अपने अन्तिम संदेष्टा मुहम्मद सल्ल. को विश्वव्यापी संदेश दे कर सम्पूर्ण संसार के लिए भेजा तो उनकी संगत के लिए ऐसे महान पुरुषों का भी चयन किया जो इस्लाम के विश्वव्यापी संदेश को सम्पूर्ण संसार में पहुंचाने के योग्य ठहरें, उन्हीं साथियों को सहाबा कहते हैं, जो सहाबी का बहुवचन है। यह […]

कहानी एक क्रान्तिकारी अनाथ की

कहानी एक क्रान्तिकारी अनाथ की

2024-04-15T15:56:31

निम्न में हम आपकी सेवा में एक एक अनाथ बच्चे की जीवनी  प्रस्तुत कर रहे हैं  जो अंधकार युग में पैदा हुआ, पैदा होने से पहले पिता का देहांत हो गया, 6 वर्ष के हुए तो माता भी चल बसीं, अनाथ थे पर समाज में दीप बन कर जलते रहे, आचरण ऐसा था कि लोगों […]

रसूल (सल्ल0) की पत्नियां

रसूल (सल्ल0) की पत्नियां

2024-04-14T15:19:23

विभिन्न उद्देश्यों के अंतर्गत अल्लाह तआला ने नबी r को अपनी उम्मत की तुलना में चार से अधिक विवाह की अनुमति दी थी। आपकी  पत्नियों की संख्या 11 तक पहुंचती है। उन में से दो हज़रत ख़दीजा और ज़ैनब बिन्ते जहश (रज़ियल्लाहु अनहुमा) आपके जीवन ही में प्रलोक सुधार गईं  जबकि 9 का देहांत आपके […]

मुहम्मद  सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ऐसे थे

मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ऐसे थे

2024-04-13T15:09:54

मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कभी किसी खाने में दोष नहीं लगाया, इच्छा होती तो खाते वरना छोड़ देते। मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मिलने वाले को सब से पहले सलाम करते थे, हर व्यक्ति से हंस कर बात करते, तपाक से हाथ मिलाते और हाथ न छोड़ते जब तक वह स्वयं अपना हाथ न खींच लेता। […]

इस्लाम में हंसी मज़ाक का तरीका

इस्लाम में हंसी मज़ाक का तरीका

2024-04-12T14:49:48

मानव एक साथ रहते हैं जिन के जीवन में विभिन्न प्रकार की स्थिति आती रहती है। एक दुसरे के खुशी में साथ देते हैं, एक दुसरे की परेशानी और दुःख के समय में एक दुसरे की सहायता करते हैं। रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने भी विभिन्न प्रकार से लोगों से हंसी मज़ाक किया है, […]

वास्तविक देशप्रेमी कौन ?

वास्तविक देशप्रेमी कौन ?

2024-04-11T14:09:33

मानव जिस धरती पर जन्म लेता है। जहां पढ़ता लिखता हैं, जहां उसने अपने जीवन के सब से बहुमूल्य तथा महत्वपूर्ण समय बिताया है तो वह उस से प्रेम करता है, यह नियम अल्लाह  बनाया हुआ है, जिस का स्पष्टि करण रसूलु (सल्लल्लाहु अलैहि व  सल्लम) के इस कथन से प्रमाणित होता है। जब मक्का वासियों ने […]

बिदअत से दूरी ही कामयाबी है।

बिदअत से दूरी ही कामयाबी है।

2024-04-10T13:08:10

बिदअत का क्या अर्थ है और उसका मतलब क्या है। उसका हुक्म क्या है ? अरबी भाषा के अनुसार बिदअत का अर्थ होता है किसी वस्तु का सर्व प्रथम अविष्कार करना है, प्रथम बार किसी नई वस्तु का बनाना है। जैसा कि अल्लाह का कथन है। بَدِيعُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْ‌ضِ ۖ وَإِذَا قَضَىٰ أَمْرً‌ا فَإِنَّمَا يَقُولُ لَهُ […]

रसूल (सल्ल) का अनुपालण ही कामयाबी है।

रसूल (सल्ल) का अनुपालण ही कामयाबी है।

2024-04-09T12:34:17

अल्लाह तआला ने नबियों तथा रसूलों को दुनिया में भेजा ताकि उन का अनुसरण किया जाए और उनकी अवज्ञा से बचना ही सफलता की गारेन्टी है। क्योंकि रसूल(सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का अनुसरण वास्तव में अल्लाह तआला का ही अनुसरण है। जैसा कि अल्लाह तआला का प्रवचन है। مَّن يُطِعِ الرَّ‌سُولَ فَقَدْ أَطَاعَ اللَّـهَ ۖ […]

मौत एक खुली वास्तविक्ता

मौत एक खुली वास्तविक्ता

2024-04-08T12:25:33

संसार एक परिक्षास्थल हैः निःसंदेह यह संसार एक परिक्षास्थल है।इस में जो कर्म हम करेंगे, चाहे वह अच्छा हो या बुरा, उसी के अनुसार हमें आगे के दोनों जीवन में बद्ला प्राप्त होगा, यदि हमने अपनी जीवन को अच्छे कार्यों में लगाए, लोगों के भलाइ के काम किये, लोगों को उनका अधिकार दिया, अल्लाह की […]

ईसा (अलैहिस्सलाम) के जीवन की कुछ झलकियां

ईसा (अलैहिस्सलाम) के जीवन की कुछ झलकियां

2024-04-07T11:49:25

ईसा (उन पर अल्लाह की शान्ती हो) को अल्लाह ने कुरआन मजीद में जो स्थान दिया है जो आदर- सम्मान दिया है, बिल्कुल वह इसके अधिकार तथा ह़क़्दार हैं और इस बात की पुष्टि बाइबल भी करता है परन्तु सेकड़ों बाइबल का वजूद बाइबल के असुरक्षित होने का  प्रमाण है। लोग अपने स्वार्थ हेतु  बाइबल […]